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सत्य से आगे की कोई आशा नहीं || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2015)

2019-11-24 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२० दिसम्बर २०१५<br />रमण केंद्र<br /><br />दोहा:<br />कबीर सांई मुझ को, रूखी रोटी देय।<br />चुपड़ी मांगत मैं डरूं, मत रूखी छिन लेय || (कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />आत्मिक सुख क्या होता है?<br />यकीन क्यों नहीं होती जीवन में आत्मिक सुख भी कुछ होता है?<br />आध्यात्म की राह पर चलने में डर क्यों लगता है?<br />कबीर ऐसा क्यों कहते है? ब्याज के चक्कर में दिया मूल गबाये?

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